Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

Eight Years of Narendra Modi Govt How india transformed in this period| गरीबों को राशन, मोदी का शासन, अयोध्या में भगवान का आसन, 8 साल में कहां पहुंचा भारत

Eight Years of Modi Govt: केंद्र में मोदी सरकार ने आठ वर्ष पूरे कर लिए हैं. तीन साल पहले 30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी ने इतिहास रचते हुए लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. मुझे स्मरण नहीं कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण और दूरगामी परिणामों को समेटे कई निर्णय कब लिए गए थे, जिससे न केवल भारत आमूलचूल परिवर्तन को अनुभव कर रहा है, साथ ही वैश्विक राजनीति के केंद्र में एक नए भारत को लाकर खड़ा कर दिया. आज भारत शेष विश्व के सामने आंख में आंख मिलाकर अपने हितों की रक्षा के लिए पहले की तुलना में ज्यादा सशक्त और प्रतिबद्ध दिख रहा है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले कुल राज्यों में बीजेपी की सरकार थी. साल 2018 तक 15 राज्यों में बीजेपी या एनडीए सरकारें थी, जिसका विस्तार आज 18 राज्यों तक हो गया है.  देश में 1300 से ज्यादा बीजेपी विधायक हैं, तो 400 से अधिक सांसद हैं.

सरकारी योजनाएं बनीं मास्टरस्ट्रोक

इसे मूर्त रूप देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के साथ उन जनकल्याणकारी योजनाओं ने अहम भूमिका निभाई है, जिससे वैश्विक महामारी कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध के रूप में प्रतिकूल स्थिति होने के बाद भी भारत के करोड़ों लोग संतुष्टि का अनुभव कर रहे हैं. हाल ही संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में चार (उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर) में भारत का विजयी होना इसका एक प्रत्यक्ष प्रमाण है.

 वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लागू ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ से वंचितों तक पहुंचने वाले सरकारी वित्तीय लाभ में लग रहे ‘कट’ और रिश्वतखोरी को समाप्त कर दिया. पीएम-जेडीवाई के अंतर्गत, देश में अबतक लगभग 45 करोड़ 47 लाख लोगों के निशुल्क बैंक खाते खोले गए, जिसमें मोदी सरकार ने अपनी विभिन्न जनयोजनाओं जैसे पीएम-आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-किसान, पीएम-स्वनिधि योजना आदि के तहत लाभार्थियों के खातों में एक लाख 67 हजार करोड़ रुपये हस्तांतरित किए हैं.

उज्ज्वला योजना के तहत मिले 9 करोड़ कनेक्शन

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 25 अप्रैल 2022 तक देश के 9 करोड़ पात्रों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिया गया है. साथ ही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ देश के 10 करोड़ से अधिक परिवारों (लगभग 50 करोड़ लोग) को मिल रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना में मोदी सरकार पिछले दो साल से देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त पांच किलो राशन दे रही है. यह मात्र कागजी आंकड़े नहीं हैं.

 इस संबंध में मार्च 2022 में एक नामी अंग्रेजी अखबार ने रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें उसने तीन लाभार्थियों का विस्तारपूर्वक जिक्र लिखा कि बबीना निवासी गोविंद दास, चरखारी की गीता देवी और चित्रकूटवासी रामशंकर के परिवारों को पिछले पांच वर्षों में कई सरकारी योजनाओं के तहत क्रमश: लगभग 1.21 लाख रुपये, 1.52 लाख रुपये और 1.54 लाख रुपये सीधे बैंक खाते में मिले हैं.

भ्रष्टाचार के जाल में जकड़ा था सिस्टम

 ऐसा नहीं कि मई 2014 से ही देश में गरीबों के लिए किसी सरकार ने कल्याणकारी योजना चलाई हैं. नीतियां पहले भी बनती थीं लेकिन तब भ्रष्टाचार भस्मासुर बना हुआ था. खुद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी कह चुके थे कि सरकार के भेजे 1 रुपये में से लोगों तक केवल 15 पैसा ही पहुंचता है.

 इस स्थिति में खासा सुधार हुआ है. यह ठीक है कि भ्रष्टाचार नाम का दीमक हमारी व्यवस्था से पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन यह भी एक सच है कि बीते आठ साल से मोदी सरकार का शीर्ष नेतृत्व भ्रष्टाचार और अन्य वित्तीय कदाचारों से मुक्त है. 

महिलाओं के लिए उठाए गए कई कदम

स्वतंत्र भारत में पहली बार लाभार्थियों को बिना किसी मजहबी-जातिगत भेदभाव के पूरी सरकारी सहायता मिल रही है. देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनके उत्थान को लेकर भी मोदी सरकार ने अहम कदम उठाए हैं. मातृत्व अवकाश को तीन से बढ़ाकर आठ महीने करने के अलावा साल 2019 में संसद (लोकसभा के बाद राज्यसभा से) से ‘तीन तलाक’ समेत अन्य कानून इसका सबूत है.

दुनिया ने देखी भारत की ताकत

 राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार का साफ और सख्त रुख देश-दुनिया ने बखूबी देखा है. चाहे 2016 में पीओके में भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक हो, 2019 में पाकिस्तान के भीतर घुसकर बालाकोट में वायुसेना की एयर-स्ट्राइक हो, चीन से सटी सीमा 2017 का डोकलाम घटनाक्रम हो या फिर 2020-21 का गलवान प्रकरण. यह सभी मामले भारत की सामरिक शक्ति को प्रतिबिंबित करते हैं. 

यही नहीं, अबतक देश रक्षा सामग्री को लेकर आयात पर निर्भर रहा है. लेकिन इस दिशा में मोदी सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत, स्वदेशी आयुध निर्माण को रफ्तार दी है. भारत ने जहां साल 2019 में 10 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादों का निर्यात किया, तो उसने 2025 तक इसे 35 हजार करोड़ रुपये करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

कश्मीर से हटी धारा 370-35ए

 यह वर्तमान सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति और साहस का ही नतीजा है कि उसने कश्मीर को शेष भारत से भावनात्मक रूप से काटने में मुख्य भूमिका निभाने वाली धारा 370-35ए को निष्क्रिय कर दिया. यह ठीक है कि इसे हटाने के बाद घाटी की स्थिति में निर्णायक सुधार नहीं आया है, जिसका कारण कश्मीर के ‘इको-सिस्टम’ में छिपा है, जिसे पिछले 70 वर्षों से सेकुलरवाद के नाम पर पोषित किया गया.

 जब से मोदी सरकार ने कामकाज संभाला है, तब से वह ‘सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास’ के साथ आगे बढ़ रही है. भले इस मंत्र को प्रधानमंत्री मोदी के विरोधी जुमला बताएं लेकिन सच तो यही है कि स्वतंत्र भारत में ये पहली ऐसी सरकार है, जिसने पिछले 75 वर्षों में भारत का नेतृत्व करने वाली पूर्ववर्ती सरकारों के योगदानों और कार्यों की न केवल सराहना की है, बल्कि उसे दिल्ली स्थित ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ के रूप में मूर्ति रूप भी दिया है, जहां देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री आदि से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक 13 पूर्व प्रधानमंत्रियों से संबंधित जानकारियों को दिखाया गया है.

 वास्तव में, यह ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ उस परंपरा का हिस्सा है, जिसमें सांस्कृतिक भूल सुधार के साथ ऐतिहासिक राजनीतिक विकृतियों को ठीक किया जा रहा है. इससे पहले गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के रूप में स्थापित सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल प्रतिमा और इंडिया गेट स्थित छतरी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट ऊंची ग्रेनाइट मूर्ति बनने तक होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण- इसका प्रमाण है.

भारत को विश्व पटल पर मिली पहचान

 प्रधानमंत्री के प्रयासों से भारतीय संस्कृति को वैश्विक सम्मान भी मिल रहा है. योग को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलना इसका एक उदाहरण है. इसके साथ भारतीय सनातन संस्कृति की आत्मा भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में भव्य मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य, वाराणसी में 350 वर्ष बाद काशी विश्वनाथ धाम का विराट कायाकल्प, हर साल 26 दिसंबर को साहिबजादों के बलिदान दिवस को ‘वीर-बाल दिवस’ के रूप मनाने की घोषणा आदि सहित कई अन्य परिवर्तन सकारात्मक संदेश दे रहे हैं.

मोदी सरकार ने विश्व पटल पर भी भारत के गौरव और मान-सम्मान को बढ़ाने का काम किया है. चाहे दुनिया को जलवायु संकट पर भारतीय चिंतन के अनुरूप वैदिक मार्ग दिखाना हो या कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक युद्ध में स्वदेशी भारतीय टीके को कवच बनाना हो. ऐसे सभी मामलों में विश्व पटल पर भारत की प्रतिष्ठा कई गुना बढ़ी है.

(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार, पूर्व राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय-उपाध्यक्ष हैं)

Source link

Leave a Comment

0
Default choosing

Did you like our plugin?