अनूप धीमान धर्मशाला
अपनी नाकामियों को स्वीकार न करने की कांग्रेस के आदत आज दिन तक गई नहीं है। भले ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व्यवस्था परिवर्तन की बात करते हैं, लेकिन वह खुद कांग्रेस के विचारधारा वाले नीति को उपर नहीं उठ पाए हैं। चुनाव परिणामों के बाद ईवीएम सवाल उठाना कांग्रेस की पूरानी आदत है।
प्रदेश भाजपा मीडिया सह-प्रभारी विश्व चक्षु ने जारी एक ब्यान में कहा कि जब जब कांग्रेस चुनाव हारती है तो हार के कारणों पर मंथन करने की बजाए ईवीएम पर सवाल उठाते हैं। हालिया में पांच राज्यों के चुनावों में भाजपा को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ में प्रचंड बहुमत मिला है। यह केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि गत दिनों मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक चैनल में बातचीत के दौरान भाजपा के जीते राज्यों में ईवीएम को सवाल उठाए और कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में ईवीएम की बजाए बेल्ट पेपर से होने चाहिए, इससे निष्पक्षता होती है। इसी बीच जब उनके तेलंगाना में भी ईवीएम के माध्यम से हुए चुनावों में बीच कांग्रेस को जीत पर पूछा गया तो उन्होंने तर्क दिया कि तेलंगाना चुनाव को लेकर वह बाद में चर्चा करेंगे।
विश्व चक्षु ने कहा कि जब भी देश और राज्यों में कांग्रेस का कार्यकाल होता है तो वह हर मोर्चे पर फेल साबित होती है। अपने कार्यकाल के दौरान कुछ नहीं करती। इसके बाद जब जनादेश उसके खिलाफ आता है तो कांग्रसे के लोग अपनी गलतियां निकालने और उन्हें सुधारने की बजाए सीधे ईवीएम के खोट बताते हैं। उन्होंने सीएम सुक्खू को सुझाव दिया है कि व्यवस्था परिवर्तन का नारा लेकर आए हैं तो वैसे ही काम भी करें। कांग्रेस की दशकों पुरानी नीति को छोड़कर जनता के हित में बारे में सोचकर जनहित के कार्य करें, ताकि आगामी चुनावों में आपको फिर से ईवीएम पर सवाल उठाने की जरूरत न पड़े।